बुलिश फ्लैग चार्ट पैटर्न
बुलिश फ्लैग चार्ट पेटर्न एक प्रकार का कंटीन्यूअस पैटर्न है जो देखने में एक पोल पर फ्लैग लगा हुआ जैसे दिखाई देता है। जैसे किसी इंडेक्स या स्टॉक के प्राइस में तेजी होती है और कुछ तेजी के बाद थोड़ा सा रिट्रेसमेंट होता है जिससे प्राइस में विराम होती है और उसे समय के लिए स्टॉक या इंडेक्स का प्राइस 1 जोन पर ट्रेड करने लगता है और या रिट्रेसमेंट तेजी का 25 से 30% तक का होता है जो एक फ्लैग के समान दिखाई देता है।
बुलिश फ्लैग चार्ट पैटर्न कैसे काम करता है?
1. इंडेक्स या स्टॉक के चार्ट में कंटीन्यूअस तेजी होती है उसके बाद थोड़ा सा रिट्रेसमेंट होता है जो कुल तेजी का 25 से 30% होता है अगर या रिट्रेसमेंट 45 से 50%का हो जाता है तो उसे बुलिश फ्लैग पैटर्न नहीं माना जाता है।
2. बुलिश फ्लैग पैटर्न में 25 से 30% रिट्रेसमेंट लेने के बाद हम हाई प्राइस को में एक ट्रेंड लाइन ड्रा करते हैं और उसी तरह हम लो प्राइस मे एक और ट्रेंड लाइन ड्रा करते हैं ट्रेंड लाइन ड्रा करने के बाद हम ट्रेड लाइन के ब्रेकआउट करने का इंतजार करते हैं।
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बुलिश फ्लैग चार्ट पैटर्न में एंट्री कब करते हैं? टारगेट और स्टॉप लॉस कहां लगते हैं?
ऊपर दिए गए चार्ट में आप देख सकते हैं कि बुलिश फ्लैग चार्ट पेटर्न में दो ट्रेन लाइन ड्रॉ है जिसमें पहले ट्रेंड लाइन हाई प्राइस में ड्रॉ है और वहीं दूसरी ट्रेंड लाइन लो प्राइस में ड्रॉ है पहली ट्रेंड लाइन (हाई प्राइस वाली ट्रेड लाइन) को ब्रेकआउट करके प्राइस ऊपर की ओर तेजी करता है तो हम ट्रेड लाइन के ब्रेकआउट पर एंट्री बना सकते हैं और अपना स्टॉप लॉस दूसरी ट्रेंड लाइन जो लो प्राइस में बनी हुई है उसके ब्रेकडाउन या लो प्राइस पर रख सकते हैं।
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