बुलिश इंग्लफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न
बुलिश इंग्लफिंग कैंडल स्टिक पैटर्न मैं दो कैंडल होती हैं जिसमें पहले कैंडल छोटी रेड कैंडल होती है जो मंदी को संकेत करती है और दूसरी कैंडल बड़ी ग्रीन कैंडल होती है जो रेड कैंडल से दुगना बड़ी होती है जो तेजी का संकेत करती है जब भी मार्केट में गिरावट होती है मार्केट ऊपर से नीचे की ओर गिरने लगता है और डिमांड जोन या सपोर्ट जोन पर पहुंच जाता है तो वहां बुलिश इंग्लफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण होता है और मार्केट में एक तेजी देखने को मिलता है।

बुलिश इंग्लफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में एंट्री कब करते हैं? टारगेट और स्टॉप लॉस कहां लगते हैं?
ऊपर दिए गए चार्ट में आप देख सकते हैं कि जैसे-जैसे मार्केट में गिरावट हो रही है और सपोर्ट जोन में एक बुलिश इंग्लफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न बना और मार्केट में एक रिवर्सल देखने को मिल रहा है तो इस बुलिश इंग्लफिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में ग्रीन कैंडल के हाइ प्राइस ऊपर हम एंट्री रख सकते हैं और वही हमारा स्टॉप लॉस ग्रीन कैंडल के लो प्राइस के नीचे रख सकते हैं हमारा टारगेट ग्रीन कैंडल के 2 से 3 गुना का रखते हैं।